आज हम जानेगे भारत 75th स्वतंत्रता दिवस पर हासिल की कोनसी 75 उपलब्धि | हैलो दोस्तों मे आपका स्वागत हे आप सभी का My blogs Signola मे | तो आज हम जानेगे 75 th स्वतंत्रता दिवस के बारे तो आई अे शुरू करते हे |
15 अगस्त 1947 एक ऐसी तिथि हे जिसे हमारे इतिहास मे सुनहेरे अक्षरों मे लिखा गया है | एक एस दिन जब भारत आजाद हुआ, अग्रेज भारत छोड़ने मे मजबुर हो गए थे | हामे 200 साल की गुलामी मे आजादी मिली थी, तो जश्न भी उतना ही बड़ा होना था ओर शायद यही वजह हे की आज भी हम इसे उतने ही धूमधाम से मनाते हे |
इतिहास:-
अग्रेजों के भारत पर कब्जे के बाद हम अपने ही देश मे गुलाम थे | पहेले सब कुछ हमारा था जैसे की धन, अनाज ओर जमीन परंतु अग्रेजों के आने के बाद किसी भी चीज पर हमारा अधिकार नहीं था | वह मनमाना लगान वशूलते ओर जो मन उसकी खेती करवाते जैसे नील ओर नकदी फसलों की खेती आदि | ऐसा खास तौर पर बिहार के चंपारण मे देखा गया | हम जब भी उनका विरोध करते हमें उससे भी बड़ा जवाब मिलता, जैसे कि जालियावाला बाग हत्याकांड | प्रतारण कहानियों की कमी नहीं है और ना ही कमी है हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सहार पूर्ण आंदोलन की, उनके कथन प्रयासों का नतीजा है की आज हमारे लिए यह इतिहास है | अंग्रेजों ने हमें बुरी तरह लूटा, इसका उदाहरण कोहिनूर है, जो आज उनकी रानी की ताज की शोभा बढ़ा रहा है | लेकिन हमारे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर आज भी सबसे कुलीन है और शायद यही वजह है कि आज भी हमारे देश में अतिथियो को देवताओं की तरह पूजा जाता है और जब जब अंग्रेज भारत में आएंगे उनका स्वागत करते रहेंगे इतिहास का समरण करते हुए |
स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान :-
हमारे स्वतंत्रता सेनानी जैसे गांधीजी , जिनका आजादी के लिए संघर्ष में अतुल्य योगदान रहा है और वे सब के लोकप्रिय भी थे | उन्होंने सबको सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया और वह अहिंसा ही था, जो सबसे बड़े हथियार के रूप में उभरा और कमजोर से कमजोर व्यक्ति के जीवन में भी उम्मीद के दीपक जलाएं | गांधी जी ने देश के कई कुप्रथाओं को हटाने में कुल चोर प्रयास किए और सभी तबको को साथ लाया, जिसकी वजह से यह लड़ाई और आसान हो गई | उसके लिए लोगों का प्यार ही था जो लोग होने बापू बुलाते थे | साइमन कमीशन विरोध मैं सब शांतिप्रिय कैसे विरोध कर रहे थे, लेकिन इसी बीच अंग्रेजों ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया इसमें लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई | इससे आहत होकर भगवत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने सांडर्स की हत्या कर दी और बदले में उन्हें फांसी की सजा हुई और वे हंसते-हंसते फांसी के तखत पर चढ़ गए | आजादी की लड़ाई में सैकड़ों वैसे नाम है जैसे सुभाष चंद्र बोस, बाल गंगाधर तिलक, मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई, गणेश शंकर विद्यार्थी, राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद आदि जिसके योगदान अतुलनीय हे |
आजादी का रंगीन पर्व :-
स्वतंत्रता भारत इस पर्व को मनाने के तरीके अलग-अलग है | हफ्ते भर पहले से बाजारों में रौनक आ जाती है, नहीं तीन रंगों की रंगोली बिकती है, तो कहीं तीन रंगों की लाइटें | पूरा समा ही जानो इस रंगों में समा जाता है | वहीं पर खुशी का माहौल होता , तू कहीं देशभक्ति के गीतों की झंकार | पूरा देश नाचते गाते इस उत्सव को मनाता है | लोग खुद भी झूमते हैं और दूसरों को भी थीरकने पर मजबूर करते हैं | पूरा देश एकजुट हो जाता है वह भी ऐसे, क्या हिंदू क्या मुसलमान , कोई भेज ही नजर नहीं आता |
निष्कर्ष:-
जैसे कि स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है , इस दिन के लिए राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है और स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं | लेकिन यह लोगों का ही उत्साह ही है जो इस दिन को मनाने के लिए सब एकजुट होते हैं और बड़े उत्साह के साथ हर वर्ष स्वतंत्रा दिवस समारोह का आयोजन किया जाता है, तिरंगा फहराया जाता है और मिठाई बांटी जाती है |
“ कुछ नशा तिरंगे की आन का है ,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,
हम लहराएंगे हर जगह ये तिरंगा ,
नशा यह हिंदुस्तान का सम्मान का है | ”
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