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आकर्षण क्या है ??? ? || Attraction Kya he ? || Aakarshan Kya he ?

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हैलो दोस्तों आप सभी का मेरे blog signola मे आपका स्वागत हे | आज मे आपको बताने वाली हु आकर्षण क्या है ??? ? || attraction Kya he ? || aakarshan Kya he ? जब हम किसी वस्तु या व्यक्ति को पसंद करते हैं और हम उसे पाना चाहते हैं, लेकिन मात्र उसके रंग, रूप, अच्छी स्थिति को देख के, तो वो  आकर्षण  अर्थात   आकर्षण  कहलाता है |  अध्यात्मवादी यों का एक पुराना विचार है की आप अपने जीवन को जिस तरह देखेंगे और महसूस करेंगे उसका आउटपुट भी बिलकुल वैसा ही होंगा |  मतलब की जैसा सोचेंगे वैसा ही पाएंगे | गहरे ध्यान के माध्यम से, इन प्राचीन अन्वेषकोंने खोज निकाला की कैसे आपकी अन्दर की परिस्थितियां आपकी बाहरी परिस्थितियों को प्रतिबिंबित करती हैं | अगर आपने The Secret फिल्म देखि हो तो आप जानते होंगे की आकर्षण का सिद्धांत एक वैज्ञानिक सिद्धांत हैं | यह सिद्धांत क्वांटम भौतिकी की ओर इशारा करता हैं | हाल ही में हो रहे मस्तिष्क के इमेजिंग अध्ययन यह दिखा रहे हैं की हमारा दिमाग आकर्षण के सिद्धांत के अनुरूप ही कार्य करता हैं | इसके लिए आज तक का सबसे ठोस सबूत हैं “mirror neurons(मिरर न्यूरॉन्स)” | अर

75 th स्वतंत्रता दिवस | 75th svtntrata divas

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आज हम जानेगे भारत 75th स्वतंत्रता दिवस पर हासिल की कोनसी 75 उपलब्धि |  हैलो दोस्तों मे आपका स्वागत हे आप सभी का My blogs  Signola  मे  | तो आज हम जानेगे 75 th  स्वतंत्रता दिवस के बारे तो आई अे शुरू करते हे | 15 अगस्त 1947 एक ऐसी तिथि हे जिसे हमारे इतिहास मे सुनहेरे अक्षरों मे लिखा गया है | एक एस दिन जब भारत आजाद हुआ, अग्रेज भारत छोड़ने मे मजबुर हो गए थे | हामे 200 साल की गुलामी मे आजादी मिली थी, तो जश्न भी उतना ही बड़ा होना था ओर शायद यही वजह हे की आज भी हम इसे उतने ही धूमधाम से मनाते हे |  इतिहास:-  अग्रेजों के भारत पर कब्जे के बाद  हम अपने ही देश मे गुलाम थे | पहेले सब कुछ हमारा था जैसे की धन, अनाज ओर जमीन परंतु अग्रेजों के आने के बाद किसी भी चीज पर हमारा अधिकार नहीं था | वह मनमाना लगान वशूलते  ओर जो मन उसकी खेती करवाते जैसे नील ओर नकदी फसलों की खेती आदि | ऐसा खास तौर पर बिहार के चंपारण मे देखा गया |  हम जब भी उनका विरोध करते हमें उससे भी बड़ा जवाब मिलता, जैसे कि जालियावाला बाग हत्याकांड | प्रतारण  कहानियों की कमी नहीं है और ना ही कमी है हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सहार पूर्ण आंदो

सावन माह के सोमवार का व्रत, पूजन ओर नियम | Savan maah ke somvar ka vrat, pujan or niyam

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ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌॥ ॐ नमः शिवा | जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि सावन का महीना सबसे पवित्र महीना माना जाता है भोलेनाथ की आराधना करने का और हम विचार करने  लगते शिव शंकर की कृपा प्राप्त करने का  यह  सबसे उत्तम महीना होता है | सावन का महीना शुरू होते  ही  हैं  की सावन के महीने में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए हम क्या करें और क्या ना करें कहीं हमसे कोई गलती ना हो जाए  और हम  पाप के भागीदार न बन जाए | दोस्तों शिव की भक्ति में मगन व्यक्ति सभी पाप और कष्टों से बच्चा रहता है और मोक्ष प्राप्त करता है माना जाता है इस महीने में पूजा अर्चना करने से भोले बाबा प्रसन्न होते हैं आइ अे दोस्तों अब हम आपको बताते हे की सावन के महीने में ऐसा क्या काम है जो महादेव को क्रोधित कर देता है | सर्वप्रथम दोस्तों सावन महीने में बैंगन का सेवन भूलकर भी ना करें |  दर असल इस मौसम में बैंगन में कीड़े लग जाते जिस वजह से इसका सेवन अशुभ माना गया है | इसके अलावा सावन महीने में काले वस्त्र नहीं पहनने चाहिए | और काले रंग के वस्त्र पहनकर भगवान

सावन शनिवार के व्रत के बारे मे जानिए || Savan shanivar ke vrat ke bare me janiye

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    नमामीशमीशान निर्वाणरूपं। विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपं। निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं। चिदाकाशमाकाशवासं भजे हं॥ ॐ नमः शिवाय ||  आप सभी का स्वागत हे | सावन का महिना भगवान शिव का महिना होता हे | भगवान शिव की आराधना कर ने का पावन महिना होता हे | सावन के महीने मे जो भी नियमित रूप से जोभी भगत सच्चे मन से महापुरण की कथा सुनता हे या सुनाता हे भगवान शिव की विशेश कृपया द्रष्टि उन पर बनी रहेती हे | आज आप नियमित रूप से सुबह के समय पे आप इस आर्टिकल मे शिव ओर शनि की पूजा कर से दूर होंगे दोष | सावन महीने में सोमवार के साथ ही शनिवार को भी बहुत खास माना जाता है। शनि दोष, साढ़ेसाती और ढय्या से परेशान लोग शनिवार व्रत की शुरुआत करना चाहते हैं तो सावन शनिवार से व्रत शुरू करना चाहिए। स्कंद पुराण के अनुसार सावन महीने में शनिवार को शनिदेव के साथ भगवान शिव की विशेष पूजा करनी चाहिए। जिससे कुंडली में मौजूद ग्रह-स्थिति से बन रहे दोषों से छुटकारा मिल जाता है।  सावन में शनि  और शिव की पूजा भगवान शिव शनि देव के गुरु   शिव ने ही शनि देव को न्यायाधीश स्थापक दिया था | इसके फल स्वरुप शनि देव मनुष्य को कर्मों क

सावन मास की व्रत कथा || Savan mas ki vrat katha

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  न मस्कार दोस्तों आज के हमारे इस आर्टिकल में हम आपके लिए सावन महीने की भोलेनाथ और माता पार्वती की एक बहुत सुंदर कहानी लेकर आए हे | तो चलिए शुरू करते हे सावन मास की व्रत कथा | एक समय की बात है | सावन का महीना था | भगवान शिव और माता पार्वती कैलाश पर्वत पर बैठे थे | माता पार्वती ने धरती पर देखा कि कोई शिवलिंग पर दूध चढ़ा रहा था तो कोई शिवलिंग पर जल चढ़ा रहा था तो कोई दूर-दूर से गंगाजल लाकर  शिवलिंग पर चढ़ा रहा था | तब माता पार्वती ने भोलेनाथ से पूछा प्रभु पृथ्वी पर सभी मनुष्य आप पर इतना दूध और  जल आदि अर्पित कर रहे हैं  इसका इन्हें  क्या फल प्राप्त होगा | भोलेनाथ भोले पार्वती सावन माह में मुझे जल अर्पित करने का इतना महत्व है कि मुझे जल अर्पित करेगा  वह स्वर्ग को प्राप्त करेगा | यह सुन माता पार्वती से रहा नहीं गया उन्होंने फिर पूछा तो क्या यह लाखों-करोड़ों लोग जो जल अर्पित कर रहे हैं यह सब स्वर्ग को प्राप्त करेंगे तो प्रभु बोले पार्वती तन से स्नान कराने से ज्यादा महत्व मन से स्नान कराने का है | तब माता पार्वती बोली प्रभु यह कैसे पता चलेगा कि कौन मन से स्नान करा रहा है | तब भोले नाथ भोले

भगवान शिव के 19 अवतार के बारे मे जानिए || Bhagavan shiv ke 19 avatar ke bare me

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  हैलो दोस्तों आप सभी का मेरे blog signola मे आपका स्वागत हे | आज मे आपको बताने वाली हु bhagavan shiv ke 19 avatar ke bare me | शिव वोह हे जिनका ना आदि हे ना अंत |  परमात्मा भगवान शिव ही इस सृष्टि के निर्माता भी हे ओर विनाशक भी धर्मग्रंथों के अनुसार धर्म की रक्षा के लिए ओर अपने भक्तों से प्रसन्न  हो कर शिव कई बार इस द्धारा पर अवतरित हुए हे | तो आइए जानते हे भगवान शिव के कितने अवतार हुए हे | नमस्कार दोस्तों  मे हु आपकी दोस्त जुली स्वागत हे आप सभी का My blogs  Signola  मे  |  शिवपुराण मे भगवान शिव के 19 अवतार के बारे मे वर्ण किया हे लेकिन बोहट कम लोग भगवान के इन अवतारों के बारे मे जानते हे | शिव के सभी अवतारों के बारे मे जानने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढे | 1. वीरभद्रा अवतार : भगवान शिव का ये अवतार तब हुआ था जब दक्ष द्धारा आयोजित यज्ञ मे मात सती ने अपने देह का त्याग किया था | जब भगवान शिव को ये पता चला तो उन्होंने क्रोध मे अपने शर से एक जटा उखाड़ी ओर उसे रोशपूर्वक पर्वत के ऊपर पटक दीया ओर उस जटा से महा भयंकर वीरभद्रा प्रकट हुए | शिव के इस अवतार ने दक्ष के इस यज्ञ का विध्वंश

आकर्षण के बारे में मनोवैज्ञानिक तथ्यों | Attraction ke bare me psychologist tthyo

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दोस्तों हमारे देश मे इतनी सारी फिल्मे बनी हे जिनका स्कोर कही ना कही प्यार से जुड़ा होता हे | जाहे  केसे भी फिल्म बने टॉपिक कुछ अलग भी हो तब भी कहीना कही से लव ऐंगल ढूंढ के उसमे डाल ही दिया जाता हे | मानो जेसे प्यार, लव, मोहब्बत के बिना हमारी फिल्मे अधूरी हे | इसे हम किसी हद तक एकसेप्ट कर भी लेगे लेकिन जेसे की फिल्मों मे दिखाया जाता हे की लड़का या लड़की को बस पहेली नजर मे प्यार हो जाता हे चलो ये भी मानलेते हे कोई लड़का किसी लड़की से या कोई लड़की किसी लड़के से पहेली नजर मे इंप्रेस हो भी जाते हे लेकिन क्या इसे हम प्यार कहे सकते हे ? या कोई attraction  कहेते  हे की  " LOVE IS ALL ABOUT HEART " क्या ये सच हे की प्यार सिर्फ दिल से ही किया जाता हे या कहीना कही दिमाग भी उस प्यार को डिफ़ाइंड करने मे एक इंपोर्टन रोल प्ले करता हे | इन सब सवालों के जवाब के साथ साथ मे आपको ये भी बताउगी के एक लड़का एक लड़की की ओर एक लड़की एक लड़के की किन कॉलेटी को देख attraction  या प्रभावित होती हे |  हैलो दोस्तों मे हु आपकी दोस्त जुली स्वागत हे आप सभी का My blogs  Signola  मे  | आज हम जानेगे आकर्षण के बारे में मनो

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