अमेरिका का इतिहास जानिए | America ka itihas janiye
हैलो दोस्तों मे हु Julie आप सभी का मेरे blog signola मे आपका स्वागत हे | आज मे आपको बताने वाली हु तो आज शुरू करते हे अमेरिका का इतिहास जानिए |
दुनिया मे सबसे विकसित देश की बात निकलती है तब अमेरिका का नाम जुबा पर आहि जाता है | चलो हम आज ये जानते है अमेरिका के जन्म से लेकर अब तक का इतिहास |
बात है करीब 2700 हजार साल पुरानी तब पृथ्वी ओए पश्चिम छोर पे एक बोहत बड़ा महाद्वीप मैजुद था जिसपर आज अमेरिका, केनेडा ओर मेकसिको का कुछ भाग बस हुआ है लेकीन 2700 हजार साल पहले इस महाखंड का को
ई नाम नहीं था | वह सिर्फ एक बोहट बड़ी भूमि थी जिस पर कई प्राणी ओर पक्षी का बसेर था लेकीन इंसान एक भी मैजुद नहीं था | तो सवाल ये है की इतने बड़े महाद्वीप पे इंसान आए कहा से |
अगर आप हम अमेरिका ओर रशिया के बीच मे तो कोई भी भूमि का भाग नजर नहीं आता इन दोनों देशो के बीच बेरिन नाम का समुद्र है जो अमेरिका ओर रशिया को अलग करता है लेकीन अमेरिका ओर रशिया के बीच मे इस बेरियन नाम का समुद्र कई टापू की सुखला है | 2700 हजार साल पहले लागू हिम की शुरुआत हुई तब हम छोटे छोटे टापू के बीच समुद्र मे थोस रूप से बरफ जमा हो गई ओर अब ये दोनों देश बरफ की चादर जरिये एक हो गए यह पर जीवन संग्रह कर रहे पूर्व किनारे को मोनगोलोइड ओर आदिवासी एकठित हुए थे के इस बेरिग समुद्र के बिच के बरफ के पुल को पार करके अमेरिका के पश्चिम चोर पे आएगए उनको एक नहीं भूमि देखने मिली थी |
2700 हजार साल पहले अमेरिका मे बसे मोनगोलोइड वासियों के वंशज अमेरिका मे हजारों सालों बाद फूल ने फल ने लगएते उनको यत्न अब अमेरिका बसा ओर उनका जीवन खुसी से जी रहे थे लेकीन उनकी खुसियों को ग्रहण सं 1412 लगा जब यूरोप के एक सागर खेदुत कीस्टोमबल कॉलम्बस ने उने खोजने लिए यह पर कीस्टोमबल कॉलम्बस की अगर बात करे तो वास्तव मे अमेरिका नहीं भारत की खोज मे था ओर भारत के उस वखत यूरोप के लोग इंडिया के बारे मे जानते ही नहीं थे क्योंकि वो जानते थे इसलिए इंडियकी खोज मर थे |
14 सदी के पहले भारत के कई वेपरी यूरोप मे अपना वेपर करने जाते थे ओर यूरोप के वेपारी मे अपना वेपारि भारत मे आटे थे ओर क्योंकि इस वखत भारत को सोने की चिड़िया माना जाता था | कीस्टोमबल कॉलम्बस अपने नाविको को लेकर स्पेन से भारत की खोज करने निकल गया उससे पहले भी भारत आने के लिए समुद्विय मार्ग से भारत आने की कोशिश की थी लेकीन वो लोग आफ्रिका खंड को क्रॉस ही नहीं कर पारे थे इतने बड़े खंड की भूमि खत्म न होने के कारण उन्होंने आफ्रिका का खत्म लिया था | इसलिए कीस्टोमबल कॉलम्बस ने सोच के भारत विपरीत दिशा मे होगा ओर ओ महीनों तक उत्तर ऐंटकटिका महासागर की पश्चिम दिशा की अवस्था सफर कर रहा था ओर 12 ऑक्टबर 1492 मे के दिन अमेरिका खंड के महमस के किनारे पहोच जब कीस्टोमबल कॉलम्बस वह उतरा तब उसने लाल चमड़ी वाले आदिवासी के लोगों को देखा ओर क्योंकि वो इंडिया की तलास मे था कीस्टोमबल कॉलम्बस ने उन लोगों को रेड इंडियन नाम दे दिया वो नाम आदिवासी के वंश को लिए कीस्टोमबल कॉलम्बस जो नाम दिया वोह गलत था | अमेरिका का मे सामन्य एक जीवन जी रहे आदिवासी ये भी नहीं पता था ओर भी दुनिया मे इंसानी बस्ती ओ मे इंसान का बसेरा है वोह लोग तो बस अमेरिका के पुष्ठ भूमि को ही अपनी दुनिया मानते थे ओर हजारों किलो मीटर दूर से आया कीस्टोमबल कॉलम्बस उनके लिए एक ऐलियाँ समान था | मूड अमेरिका आदिवासी बोहट ही भोलेभाले वो कीस्टोमबल कॉलम्बस देखकर पहले तो डर गए लेकीन कीस्टोमबल कॉलम्बस बोतही चतुर, चालक ओर निर्दय इंसान था उसने कुछ भेट सोगत देकर इन आदिवासी को बेहेला दिया ओर कुछ महीनों बाद जब वो अपने देश स्पेन वापस जा रहा था तब उसने इनमे से आदिवासी को बंदी बनाकर अपने साथ जहाज ले गए ताकि वोह स्पेन मे जाकर ये प्रूफ कर के लि की उसने इंडिया की खोज कर लि है कीस्टोमबल कॉलम्बस जब वापस स्पेन गया तो स्पेन की राणी इसाबोला के साथ बंदी हालत मे जंजीर से जकड़े हुए 6 आदिवासी को स्पेस की गया ओर वहा की इंडिया की खोज किया माना की ये 6 आदिवासी अपनी दुनिया से हजारों किलोमीटर दूर किसी ओर आ गए थे ओर वापस जाने की गुजहास नही था कीस्टोमबल कॉलम्बस दूसरे साल वापिस 40 जहाज के साथ कीस्टोमबल कॉलम्बस खोजी हुई उस नहीं भूमि पर गया लगभग 300 आदिवासी को बंदी बना लिया ओर वो वापस स्पेन के लिए निकाला ओर स्पेन की राणी के सामने प्रस्तुत किया आप इने गुलाम बनाकर रखिए इन भोले भले आदिवासी को देखकर राणी का मन पिगल गया ओर उन्होंने कीस्टोमबल कॉलम्बस को फरमान किया के इनको गुलाम नहीं बनाया जाएगा ओर कहा की टूमे अगली बार जाते वखत इने उनको अपने देश छोड़कर आना होगा तब तीसरि बार अमेरिका की भूमि पर वापस गया ओर इन आदिवासी को छोड़ना पडा लेकीन वहा पर भी आदिवासियों का इस्तमल करने मे उसने कोई कसर नहीं छोड़ी थी | कीस्टोमबल कॉलम्बस इन आदिवासियों को गवार मानता था |
यूरोप मे ये बात फेल गई की कीस्टोमबल कॉलम्बस ने भारत का समूद्वि मार्ग ढूंढ लिया है लेकीन 5 साल बाद ये अफफा गलत साबित होने वाली थी क्योंकि वास्को – दो – गामा ने काली कट बंदर मे आकर इंडिया की खोज करली ओर यूरोप मे से पता कीस्टोमबल कॉलम्बस कितना गलत था | यह के यूरोप के रुलोरो को लगा की पोलटूगीज़ अब इंडिया को अब खोज लिया इसलिए उने अब कीस्टोमबल कॉलम्बस ढूनडी तरकीब जाकर अपनी कॉलनिस बन्नी जाहिए | अपने देश का विस्तार करना चाहिए ओर अमेरिका उस धरती पर राज करने के लिए स्पेन, फ्रांस जेसे यूरोपी देशों मे होड मैच गई ओर सालों तक ये यूरोप के लोग ओर ज्यादा तर स्पेनिस अमेरिया की उस धरती पर आटे रहे यहाँ पर यूरोपी लोगों का बसेरा होते ही उन बिचारे भोलेभाले अमेरिकन मूल वासियों की जिंदगी नर्ख बन गई यूरोपीं लोग किसी भी तरह उनको खदेड़ ना जहते थे ओर खुद उस भूमिका को पर कब्जा करना चाहते थे कई आदिवासीयो को मार डाला ओर कई आदिवासी यो को गुलाम बना दिया अमेरिका आदिवासियों ओर सालों तक सर्मस हर रहा ओर आदिवासियों अस्तित्व खत्म होने की फकर पर आ गया |
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