मानव शरीर के महत्वपूर्ण अंग ओर उनके कार्य | Manav sharir ke mahatvpurn ang or unke kary

  

हैलो दोस्तों आप सभी का मेरे blog signola मे आपका स्वागत हे | आज मे आपको बताने वाली हु तो आज शुरू करते हे मानव शरीर के महत्वपूर्ण अंग ओर उनके कार्य | 

1. हृदय :



हृदय हमारे शरीर मे सबसे महत्व पूर्ण मे एक है | हृदय हमारे शरीर मे रक्त को पंप का कार्य करता है | हृदय हमारे रक्त को हमारे शरीर के सभी अंगों तक बहुत तेजी से पहुँचाने का कार्य करता है | मानव हृदय एक मिनट मे बेहतर बार धड़कता है जो एक जीवन काल मे 2.5 मिलियन बार धड़कता है | मानव का हृदय 1 मिनट मे 70 मिलीलीटर रक्त को पंप करता है ओर एक दिन मे 7600 लीटर तथा अपने जीवन कल 200 मिलियन लीटर रक्त को पंप करता है |


2. मस्तिष्क :  


मस्तिष्क हमारे शरीर का नियंत्रण प्रणाली होता है | मस्तिष्क द्वारा पूरे शरीर को नियत्रंण किया जाता है | मस्तिष्क हमारे शरीर का महत्व पूर्ण अंग होता है | मस्तिष्क 40% हिस्से का रंग ग्रे होता है ओर बाकी 60% हिस्से का रंग सफेद होता है | जागते समय हमारा दिमाग 10 से 24 वॉट तक्की एनर्जी छोड़ता है जो एक बिजली के बल्ब को चल सकती है | हमारे दिमाग मे दो साइड होती है एक बाएँ साइड ओर दाएँ साइड जब हम किसी इंसान के फेस को गोर से देखते है तो हम अपने दिमाग का बाएँ का इस्तमाल करते है | 40 साल की ऐज के बाद हमारा दिमाग धीरे धीरे सिकोड़ ने लगता है | हमारा दिमाग सोते समय ज्यादा सक्रिय रहेता है | हमारे दिमाग मे लगभग 100 अरब न्यूरोनस होते है | अक्सर कहा जाता है की इंसान अपने दिमाग का सिर्फ 10% ही यूज करता है लेकीन ये बात सच नहीं है हम अपने दिमाग का पूरा इस्तमाल करते है | इंसान का मस्तिष्क  75% से ज्यादा पानी का बना होता है | 


3. गुर्दा :



हमारे शरीर मे दो गुर्दा पाए जाते है | गुर्दा पेट अंदर उपस्ति होती है ये मानव शरीर का महत्व पूर्ण अंग होता है | ये राजमा के आकार के समान होता है तथा मनुष्य मे एक जोड़ी गुर्दा
पाया जाता है | गुर्दा रक्त का शुद्धी करण होता है तथा रक्त मे अनेक जेरी पदार्थ पाए जाते है जो गुर्दा की साहेता से पेशाब के माध्यम से बाहर निकाल जाता है | अपष्टी पदार्थ को हटाकर रक्त को शुद्ध करना गुर्दा का सबसे महत्व पूर्ण अंग होता है |


4. फेफड़े :



फेफड़े प्राणी मे एक रूप मे पाए जाते है | प्राणी ओ द्वारा नाक से श्वास लाइट जाते है जो फेफड़े मे चली जाती है | ऑक्सीजन रक्तवाहिनी मे जाती है जो शरीर की विभिन्न कोशीकाओ तक पोहचाई जाती है | ये कोशिका ऐ ऑक्सीजन की उपस्ति भोजन का ऑक्सीकरण करती है | जिससे कार्बन डायऑक्साइड ओर ऊर्जा प्राप्त होती है | ये ऊर्जा कोशिका द्वारा काम मे ले जाती है तथा  कार्बन डायऑक्साइड को रक्तवाहिनियों की साहिती से फेफड़े मे पहोच जाता है जिससे यही कार्बन डायऑक्साइड नाक के द्वारा बाहर छोड़ दी जाती है | इस संपूर्ण क्रिया को श्वासन कहेते है अर्थात फेफड़े हमारे शरीर मे श्वासन के लिए महत्व पूर्ण अंग है |   


5. यकृत :




 मानव शरीर मे प्रवृक अंग मे एक है यकृत यह शरीर का सबसे बड़ा अंग होता है | यकृत पेट मे दाएँ हिस्से मे पाए जाता है | इसके बिना जीवन संभव नहीं होता है | यकृत मे पूरे शरीर का लगभग 10% रक्त मौजूद होता है | यकृत शरीर के मेटल पलूशन को नियंत्रण करता है | यह शरीर मे रक्त की आयुरतिक एक प्रमोकर आधार होता है | शराब की वजह से यकृत की बीमारी जल्दी होती है | यकृत एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति मे आसानी से प्रपरोकित किया जाता है | यकृत का पहले सपल परकारोपन कनाडा मे 1917 मे हुआ था |


6. आमाशय :




   आमाशय का मुख्य कार्य भोजन को सर्कण किया जाता है | आमाशय मे प्रोटीन  वसका पाचन होता है | लेकीन भोजन का आमाशय मे कोई पूर्ण पाचन नहीं हो पाता है | इसके बाद ये है अपोचीकत भोजन छोटी आंत मे चला जाता है |


7. बृहदांत्र :


मानव मे दो प्रकार के बृहदांत्र पाई जाती है | जीने छोटी आंत वे बड़ी आंत कहा जाता है | आमशय द्वारा अपोचिकत भोजन छोटे आंत आ जाता है | छोटी आंत मे उपसीत पाचन  रस भोजन को छोटे छोटे टुकड़े मे बाट देते है | पाचन की यह क्रिया छोटी आंत मे पूरी हो जाती है | जिसे छोटी आंत द्वारा एकत्रित जाता है | छोटी आंत मे पाचन के बाद बचने वाला पदार्थ बड़े आंत मे चल जाता है | बड़ी आंत मे जाने के बाद प्रसायड उपसीत जल का अवसोसन बड़ी आंत द्वारा कर लिया जाता है | जिसके प्रसायद यह अवशेष पदार्थ अरथोस के रूप मे बदल जाता है तथा बड़ी आंत के आखरी छोड़ मलाशय मे आ जाता है | इस मलाशय की सतह से इस अवसेठ पदार्थ को शरीर से बहार त्याग दिया जाता है | 

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