मन क्या है ? | Man kya hai
हैलो दोस्तों आप सभी का मेरे blog signola मे आपका स्वागत हे | आज मे आपको बताने वाली हु तो आज शुरू करते हे मन क्या है |
“ मन के हारे हार है ,मन के जीते जीत है |”
कभी सोचा आपने की आखिर ऐसा क्यू है | क्यू ये कहावत बनी ओर क्यू मन के हार ने से व्यक्ति क्यू हार जाता है ओर मन जीतने से मन क्यू जीत जाता है आखिर क्या मन के हार ने या जीतने का कारण वो किस तरह हमारे हार कार्य मे सहायक है तो चलिए जानते है |
जब व्यक्ति अपने मन मे ये सोच लेता है वो ये काम नहीं कर सकता | तो वो अपने अंदर नकारात्मक गुण पैदा कर लेता है | ओर साथ ही अपने मन मे हार मन लेता है ओर फिर मन हार ने लगता है फिर वो व्यक्ति वो काम नही कर पत्ता है जिससे पत्ता चलता है की मन किसी भी नकारात्मक विचार का ले लेता है तो मन के अंदर भी नकरात्मत ऊर्जा उत्पन्न हो जाती है जिससे की व्यक्ति के जीवन पर उसके कार्य मे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ती है |
जब व्यक्ति अपने मन मे ये सोच लेता है की वो ये काम कर सकता है | तो अपने मन मे सकारात्मक गुण पैदा कर लेता है ओर फिर चाहे कुछ भी करना पड़े | वो हार हाल मे अपना काम कर लेता है ओर अपने मन मे सफलता के आत्मविश्वास बीच अकृरीत कर लेता है | इस पत्ता चलता है की जब मन किसी भी सकारात्मक सोच को सिविकर लेता है तो व्यक्ति के मन मे भी सकारात्मक ऊर्जा के उत्पन्न हो जाती है जिससे की व्यक्ति के मन पर उसके कार्य मे उसके प्रभाव मे ऊर्जा का प्रभाव पड़ता है |
मन क्या है ….. मन से इस शब्द से हार व्यक्ति परिचय है मन हमारी आत्मा की ऊर्जा है | ओर एक ऐसी ऊर्जा है | जो सभी शक्तियों का स्रोत भी है | जिससे कल्पना शक्ति ओर संकल्प शक्ति दोनों ही मौजूद है |
देखा जायतो विज्ञान के अनुसार मन मस्तिष्क की वो क्षमता है | जो व्यक्ति को चिंतन करने मे स्मरण या याद करने मे, निर्णय लेने मे, बुद्वी मे, भाव मे ,सबमए सक्षम बनती है |
तो अब जनीही लिया आपने के मन क्या है ओर किस तरह मन का नकारात्मक सोच ओर सकारात्मक सोच का क्या असर पड़ता है |
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