आपका खाना पचता है या सड़ता है जानिए | Aapka khana pachta he ya sadta he janiye |

                        

हैलो दोस्तों आप सभी का मेरे blog signola मे आपका स्वागत हे | आज मे आपको बताने वाली हु aapka khana pachta he ya sadta he janiye  | तो आज शुरू करते हे आपका खाना पचता है या सड़ता है जानिए   |   


आज के दौर  मे हर एक व्यक्ति किसी ना किसी बीमारी से ग्रस्त होता जा रहा है ओर हजारों लाखों रुपये इन बीमारियों को ठीक करने मे खर्च कर है | मगर व्यक्ति एकबार भी अपने दैनिक दिन चर्या मे जाकर नहीं देखता है | आखिर वोह क्या खा रहा है जिससे उसको ये सब दुख तफलिक जेलनी पड़  रही है | 


संपूर्ण सुख ओर आनंद की प्राप्त के लिए लोग धन कमाने मे लगे रहते है पर ये नहीं जान पाते है सबसे बड़ा धन तो उसका स्वास्थ्य है | अगर वो स्वस्थ है तो उसे बड़ा धनी कोई नहीं है | इस बात को बहुत ही कम लोग समझ पाते है |  आपको आप का जीवन बदल ना ही होगा नहीं तो आप ऐसे ही डॉक्टर के चक्कर लगाते रहेंगे ओर आप का सारा जीवन ओर पैसा ऐसे ही निकल जाएगे व्यर्थ मे इसलिए आज हम आपको डैलि रूटीन की कुछ नियम है जिस को अगर आप अपने जीवन मे अपनाते है तो आपका जीवन तो बदले गा ही साथ मे आपके हजारों लाखों रुपये खर्च होने से भी बच जाएगे क्योंकि आप बीमार ही नहीं पड़ेंगे | दोस्तों आप इन नियमों का पालन पूरी ईमानदारी से अपने जिंदगी मे करे क्योंकि इन नियमों का पालन न करने से ही बीमारियाँ जिंदगी मे आती है |


1. सुबह उठकर हल्का गरम पानी पिए  2-3 गिलास ओर पानी हमेशा बैठकर गुट गुट कर पिए गुट गुट कर इसलिए पिना है ताकि सुबह की जो मुहकी लार्ड है इसने औषधीय गुण बहुत है ओर ये लार्ड पेट मे जानी चाहिए वो तभी संभव है आप पानी बिलकुल गुट गुट कर मुँह मे गुमाकर पिये ओर आप थुकको ऐसा ही ना समझे क्योंकि अस्तंगा हृदय केवल थुक पे ही 1800 पेज लिखे गए है | जे से ही आप सुबह अपने दैनिक दिनचर्य मे पानी पीने का  नियम बना लेते है तो आप का पेट धीरे धीरे साफ होने लगता है ओर पेट सही ढंग से साफ न हो तो 108 रोग हमारे शरीर मे आते है इनसे बचने के लिए आपको सुबह पानी पिना जरूरी है | 


2. खाना खाने के बाद पानी नहीं पीना  दोस्तों आयुर्वेद मे खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना जहर पीने के बराबर है ओर इसका उदाहरण हमे बता या गया है जो इस प्रकार है हम जे से ही भोजन करते है हमारे पेट मे जाता है | हमारे पेट मे जठर है जिसे हम आमाशय कहते है | जठर मे हमारा भोजन जाकर एकठित हो जाता है तो वह एक अग्नि  जलती है जिसे जठरागिनी कहते है उसके बाद ही पचने की क्रिया शुरू होती है  पचने की इस क्रिया मे पानी पि लेते है इसलिए जठरागिनी मंद पड़ती है यातों रुक जाती है |    


पानी पीने का समय :      खाने के 40 मिनट पहले                                  

                                    खाने के 15 मिनिट के बाद   


खाने के बाद क्या पिए :  जूस ( सुबह भोजन के बाद )

                                 छास  (दोपहर भोजन के बाद )

                                 दूध ( रात्रि भोजन के बाद )


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