प्रेम क्या है वो जानिए || Prem kya hai || What is Love

                         

 हैलो दोस्तों आप सभी का मेरे blog signola मे आपका स्वागत हे | आज मे आपको बताने वाली हु  Prem kya hai | तो आज शुरू करते हे Prem kya hai |

जब भी प्रेम की बात आती है | हम सबसे पहले मन मे एक नायक ओर एक नायकी का चित्रण कर लेते है क्यों आप के साथ भी यही होता है ना पर क्या प्रेम सिर्फ नायक नायकी के आकर्षण का बंधन है नहीं प्रेम तो परिवार से हो सकता है | माता - पिता  , भाई - बहन से हो सकता है | सखी मित्रों  से हो सकता है | देश ओर जन्म भूमि के लिए हो सकता है | मानवता के लिए हो सकता है किसी कला के लिए हो सकता है | इस प्रकृति के लिए हो सकता है | 



प्रेम कभी उस पन्ने पे लिखा ही नहीं जा सकता किस पर पहले ही बहुत कुछ लिखा हो जैसे एक भारी मटकी मे ओर पानी आ ही नहीं सकता यदि प्रेम को पाना है तो मन खाली हो जायेगा अपनी इच्छा , अपना सुख सब त्याग कर समर्पण करना होगा अपने मन से व्यापार हत्या के तभी प्यार मिलेगा ओर मन प्रसन्न हो जाएगा | 


प्रेम का सवरूप अनिवार्य है |


देना - देना = प्रेम 



एक प्रेम का एहसास होता है | जो कभी दिमाग से नहीं होता अपने दिल से होता है | प्रेम ऐसा शब्द है जिसे सुनकर ही हमे अच्छा महसूस होता है | 

प्रेम के दिन प्रकार होते है |


  1.  प्रेम जो आकर्षण से मिलता है |

  2. प्रेम जो सुख सुविधसे मिलता है |

  3. दिव्य प्रेम |


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